महिला दिवस क्या होता है ?
हर जीवनका प्रथम दिवसही
पहला महिला दिवस होता है
उस दिनकी कोखसे ही तो
रात-दिनका यह सिलसिला
अविरत जनम लेता है !
महिला दिवस कब नही होता ?
वह कौनसा दिन होगा
जो नारीके अस्तित्त्व बिना
आरंभ या समाप्त हुआ होगा ?
संसारमें नारीके ना होते
क्या कोई भविष्यमेंभी होगा ?
उस अंतहीन यात्राके पथिक
समय-रथके दो पहिये रहे
एक नर, दुजी नारी कहे
ईश्वर करे, दोनों साथ संतुष्ट रहें—
अन्यथा…..महिला दिवसकी गरिमा कैसी बनी रहे ?
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